Date Filter

Uttarakhand

उत्तराखंड में निजी स्कूलों और बुक सेलर्स की मनमानी पर प्रशासन का कड़ा रुख

उत्तराखंड में निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षा विभाग, प्रशासन और जीएसटी विभाग द्वारा छापेमारी की गई, जिसमें कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। इस दौरान देहरादून में चार बुक स्टोर्स को सील किया गया, जबकि हल्द्वानी में तीन बुक विक्रेताओं के यहां छापेमारी की गई।

देहरादून नगर कोतवाली क्षेत्र में संचालित चार प्रतिष्ठित पुस्तक विक्रेताओं - नेशनल बुक हाउस, एशियन बुक डिपो, ब्रदर्स पुस्तक भण्डार और यूनिवर्सल बुक डिपो को प्रशासन ने अनियमितताओं के चलते सील कर दिया है। इन दुकानों पर आईएसबीएन नंबर और बार कोड रहित किताबें बेचने तथा जीएसटी चोरी जैसी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी यह दुकानें संचालित की जा रही थीं, जिसके चलते एसएसपी अजय सिंह ने इन प्रतिष्ठानों को सील करने का आदेश दिया।

हल्द्वानी में शिक्षा विभाग, जीएसटी विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने कई बुक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इसमें पाया गया कि बिल जारी किए बिना किताबों की बिक्री की जा रही थी और कई पुस्तकों में आईएसबीएन नंबर दर्ज नहीं था। इस कार्रवाई के दौरान कई दुकान संचालकों को नोटिस जारी किए गए और आवश्यक दस्तावेज मांगे गए।

सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई और एसडीएम परितोष वर्मा के नेतृत्व में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में छापेमारी की गई। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई बुक विक्रेता अभिभावकों को जबरन महंगी किताबें खरीदने के लिए बाध्य करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, देहरादून जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए हैं। डीएम के निर्देश पर सीडीओ अभिनव कुमार ने कई प्रतिष्ठित स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा की, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं। कई स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने फीस स्ट्रक्चर को आरटीई एक्ट और राज्य सरकार के मानकों के अनुरूप लाएं।

सीडीओ ने स्पष्ट किया कि निजी विद्यालयों को तीन साल में अधिकतम 10% से अधिक फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है। साथ ही, स्कूलों को मुनाफे की सीमा 20% से अधिक नहीं रखने और बिना अनुमति फीस न बढ़ाने का आदेश दिया गया है। यदि कोई स्कूल इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

हल्द्वानी और देहरादून में हुई इन कार्रवाइयों के बाद अभिभावकों ने प्रशासन की सराहना की है। उन्होंने मांग की है कि भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहे, ताकि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन बना रहे।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी स्कूल को अभिभावकों को एक निश्चित दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।

इस तरह की कठोर कार्रवाई से यह उम्मीद की जा रही है कि निजी स्कूल और बुक विक्रेता शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अधिक जवाबदेह बनेंगे।

हिमालयन लाइव ब्यूरो

You May Also Like

Leave A Reply

Latest Newst

  • Union Minister Jitin Prasada inaugurates Uttarakhand AI Summit 2025
  • उत्तराखंड में पीएमश्री की तर्ज पर बनेगी नई स्कूल योजना: मुख्य सचिव
  • अब चारधाम और कांवड़ यात्रा में हरिद्वार-जाम से मिलेगी राहत, बन रहा नया बाईपास
  • Task Force Reviews Uttarakhand Business Reforms
  • अल्मोड़ा को मिली बड़ी सौगात – चौखुटिया सीएचसी बना 50 बेड का उप जिला अस्पताल
  • Dehradun Virasat Festival Showcases Global Folk Culture
  • सीमांत जिलों में नवाचार केंद्र और विकास परिषद से बढ़ेगी सुविधाएँ: सीएम धामी
  • Kasiga School Celebrates Annual Sports and Cultural Extravaganza
  • बीआईएस प्रमाणित वस्तुओं का उपयोग देश को बनाएगा आत्मनिर्भर : राज्यपाल
  • चारधाम यात्रा में नया रिकॉर्ड: 48.30 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
  • Uttarakhand Cabinet: Relief for Dehradun, Boost for Anganwadis
  • Pantnagar Hosts 118th Kisan Mela Highlighting Modern Farming
  • उत्तराखंड में रहस्यमयी बुखार से हड़कंप, 15 दिन में 10 लोगों की मौत
  • त्योहारों में साइबर ठगी का खतरा, भारी छूट और गिफ्ट के झांसे से बचें
  • UKSSSC स्नातक परीक्षा रद्द, सरकार ने दिए CBI जांच के आदेश
  • Doon University Hosts 24th Global Social Science Conference
  • एनसीआरबी रिपोर्ट: उत्तराखंड में तीन सालों में महिला अपराध दर 11% बढ़ी
  • FDA Raids Dehradun Stores, Seizes Banned Cough Syrups
  • सरकार का लक्ष्य — उत्तराखंड को देश का सबसे इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट बनाना

Stay Connected With Us

Subscribe Us