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Uttarakhand

गुरु भक्ति में रंगा दून: झंडेजी के आरोहण पर उमड़ा आस्था का सैलाब

दून नगरी बुधवार को एक बार फिर गुरु भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगी नजर आई। श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में आयोजित ऐतिहासिक झंडा मेले के अवसर पर 90 फीट ऊंचे झंडेजी के आरोहण के दौरान आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। जयकारों की गूंज, ढोल-नगाड़ों की थाप और श्रद्धालुओं का प्रेम, भाईचारा और उल्लास हर ओर बिखरा रहा।

उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ व विदेश से भी हजारों श्रद्धालु इस पुण्य अवसर के साक्षी बने। दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के सान्निध्य में ठीक शाम 4:19 बजे झंडेजी का आरोहण किया गया। इस दौरान दरबार साहिब परिसर सहित आसपास के घरों की छतें, दुकानों पर भी श्रद्धालु झंडेजी के दर्शन के लिए उमड़े।

सुबह 7 बजे से पुराने झंडेजी को उतारने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। गंगाजल, दूध, घी व शहद से स्नान कराने के बाद दोपहर 1:30 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया आरंभ हुई। पंजाब के नवांशहर जिले के लधाना गांव से आए राजेंद्र पाल सिंह और सतनाम सिंह के परिवार ने दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त किया। 2 घंटे 39 मिनट तक चलने वाली इस प्रक्रिया के अंत में झंडेजी का सफल आरोहण किया गया। जयकारों की गूंज के बीच संगत ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूम उठी, कई श्रद्धालुओं की आंखें भीग उठीं।

आस्था से जुड़ी एक अनूठी घटना में, इस वर्ष भी झंडेजी के आरोहण के दौरान एक बाज ने दरबार साहिब और झंडेजी की परिक्रमा की। इसे श्री गुरु राम राय महाराज की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक माना गया। वहीं, फूलों की वर्षा और एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सजीव प्रसारण ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सहरनपुर चौक, तिलक रोड, मातावाला बाग सहित शहर के प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर व भंडारे की भव्य व्यवस्था की गई थी। हलुआ, कढ़ी-चावल, जूस, फल और प्रसाद का वितरण किया गया।

शुक्रवार को श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में सुबह साढ़े सात बजे नगर परिक्रमा निकाली जाएगी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए दोपहर ढाई बजे दरबार साहिब में संपन्न होगी। छह अप्रैल, रामनवमी के दिन ऐतिहासिक झंडा मेला विधिवत समापन पर पहुंचेगा।

श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने देशवासियों को झंडा मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा, "यह मेला प्रेम, भाईचारा और शांति का प्रतीक है। जो श्रद्धा से झंडेजी के समक्ष शीश नवाता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।"

हिमालयन लाइव ब्यूरो

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