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उत्तराखंड में सबसे बड़ी ड्रग्स बरामदगी, 10 करोड़ की एमडीएमए जब्त

उत्तराखंड में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 10.23 करोड़ रुपये मूल्य की एमडीएमए (मेथामफेटामाइन) ड्रग्स बरामद की है। यह कार्रवाई नेपाल सीमा से सटे चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र में की गई, जहां गढ़ीगोठ पुल, पम्पापुर के पास एक महिला को 5 किलो 688 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया।

यह कार्रवाई "ड्रग्स फ्री देवभूमि" मिशन के तहत चंपावत व पिथौरागढ़ पुलिस और एसटीएफ के संयुक्त अभियान में की गई। गिरफ्तार महिला का नाम ईशा बताया गया है, जो बनबसा की रहने वाली है। पुलिस जांच में पता चला है कि उसका संपर्क मुंबई निवासी कुनाल से है और उसका पति राहुल कुमार बनबसा में मोबाइल की दुकान चलाता है। राहुल का भी मुंबई आना-जाना रहता है।

एमडीएमए, जिसे `एमडी`, `म्याऊ-म्याऊ`, `वाइट पाउडर`, `एक्स्टसी` जैसे नामों से जाना जाता है, एक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है। इसे आमतौर पर कोकेन के सस्ते विकल्प के रूप में प्रसारित किया जाता है और यह ड्रग्स महानगरों और क्लबों में अधिक चलन में है। यह पहली बार है जब इस ड्रग की इतनी बड़ी खेप उत्तराखंड में पकड़ी गई है।

पुलिस के अनुसार, यह बरामदगी राज्य में नशा तस्करी के बदलते ट्रेंड को दिखाती है, जहां अब सिंथेटिक ड्रग्स की घुसपैठ हो रही है। चंपावत पुलिस ने वर्ष 2024 में नशा तस्करी के 56 मामलों में 82 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था और अब तक की कार्रवाई में चरस व स्मैक की कई खेप पकड़ी जा चुकी है। मगर यह पहली बार है जब एमडीएमए जैसी अत्याधुनिक ड्रग की इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी हुई है, जिससे पुलिस की चुनौतियां और बढ़ गई हैं।

राज्य पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है और अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। ड्रग्स के खिलाफ देवभूमि की यह बड़ी कार्रवाई आने वाले समय में नशा तस्करी पर लगाम कसने में निर्णायक साबित हो सकती है।

हिमालयन लाइव ब्यूरो

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